आई है
संग लिए रंग
मुझे है
पसंद |
२- उड़ता
रंग गुलाल
मीठी है भंग
खाई गुजिया
संग |
३- प्रियतम
इन्तजार तुम्हारा
करते रहे हम
रही फीकी
होली |
४- होली
रंगोत्सव है
जलती बुराइयों का
बैर मिटे
अपना |
५- होली
आई है
मिलन के लिए
बैर नहीं
चाहिए
६-,उड़ा
अवीर गुलाल
होली आई है
हम सब
मिले |
७-आज
गुलाल लगाया
हुए मद मस्त सब
भंग में
हम
आशा