07 अक्तूबर, 2023

कविता के समंदर में

 

कविता के समुन्दर में

अनगिनत मछलियाँ

और कई ले कर साथ

थी इतनी जनता  कि  

देखी भीड़ कि जगह ना  मिली

 बैठने के लिए

मन को दोष दिया लापरवाही का

समय का मोल बताया

पिछली बेंच पर बैठने के लिए हुए बाध्य

आधी सुनी ना सुनी

घर की याद आई

मन को धीरज बंधाया

अगले वर्ष आने का वादा लिया

सुनने सुनाने का समय ना था

बच्चों के साथ

कोई भीड़ से धबरा रहा था

घर जाने की जीद्द कर रहा था

खैर मन को समझाया

इतना प्यारा कवि सम्मेलन त्याग

घर की राह पकड़ी |

भीड़ इतनी थी कि वहां से

 निकल नहीं पाए

बिना पुलिस के सहारे के  

पर मन को बहुत दुःख हुआ |

आशा सक्सेना  

 

 

06 अक्तूबर, 2023

आत्म मंथन

 इतना सरल नहीं आत्म मंथन

 सब खोजते अपनी अच्छाई 

पर अवगुणों तक पहुँच

 नहीं हो पाती 

यदि होती क्या बात होती 

अपनी अच्छाई जान पाना

 अपना भला बुरा जान पाना 

नहीं होता सरल जिसे समझा जाए 

पर अपने गुणदोष का आकलन 

किया जा सके हो नहीं सकता 

आशा सक्सेना 

05 अक्तूबर, 2023

जीवन में कैसे जिया जाए

 ना कभी प्यार मिला किसी से

 नाही बदले में दिया कभी 

यह भी ना सोचा कि 

जीवन स्नेह बिना नहीं चलता |

पहले परिवार में रहते एक साथ 

यह भी रास नहीं आया किसी को 

अकेले रहने पर बाध्य किया 

पहले तो अच्छा लगा पर 

फिर मन में बेचैनी होने लगी 

अकेलापन सालने लगा मन को |

कई बार अश्रु भर भर  आए

 उनका सैलाव बढ़ने लगा 

कभी नदी का एहसास हुआ 

तब भी किसी ने साथ ना दिया 

सोचने पर मजबूर किया

 अकेले रहें या साथ 

जीवन कैसे जिया जाए |

आशा सक्सेना 


नीलाम्बर में उड़ चले

   खुले आसमान में उड़ने के लिए 

किसी ने नहीं रोका  

वैसे भी वह  नहीं चाहती थी कोई व्यवधान 

  भी किसी कार्य में  स्वतंत्रता की कीमत पर |

खाली हाथ लिए घूमती 

 मन मारती छोटे छोटे कार्यों के लिए 

एक मुस्कान के लिए तरसती 

जीवन  के पल पल में |

अब तो बहुत कठिन है ऊंचाई तक पहुँचना 

पर हिम्मत ना  हारी मोर्चे पर खड़े   रहे 

ना ठहरे  किसी के रोकने से |

अपने  मार्ग पर बढ़ते रहे 

सब से अधिक ऊंचाई पर तिरंगा फहराया 

फिर आसमा परउड़ चले 

बिना किसी के बंधन के 

02 अक्तूबर, 2023

सलाह का सत्कार करो

  

सलाह का सत्कार करो

यदि उचित हो

मन को कोई ठेस ना पहुंचे

इस पर ध्यान हो  |

कितनी भी कठिनाई आए

घबराने की क्या आवश्यकता

जब आत्म विश्वास का संग हो

आगे की ओर कदम बढ़ाओ

पीछे पलट कर कभी न देखो

यही सलाह का सत्कार करो

यदि उचित हो

मन को कोई ठेस ना पहुंचे

इस पर ध्यान हो  |

कितनी भी कठिनाई आए

घबराने की क्या आवश्यकता

जब आत्म विश्वास का संग हो

आगे की ओर कदम बढ़ाओ

पीछे पलट कर कभी न देखो

यही है आवश्यक जीवन में आगे बढ़ने को 

 है आवश्यक जीवन में आगे कदम बढाने को |

आशा

 

01 अक्तूबर, 2023

दिल की दवा


दर्द दिल तुम क्या जानो

 जब दिल का हुआ नहीं एहसास कभी 

छोटा सा दिल है भार बहुत है 

मन ने गहराई से खोजा

अपनों पराओं का भेद फिर भी ना किया

मन हुआ उदास जब खोज पूरी ना हुई

मैं किसी की ना हो पाई कोई मेरा ना हुआ

यही कमीं रही मन में

सच्चे मित्र को ना पहचाना

भले बुरे का ज्ञान ना हुआ

मन उदासी से भरा

किसी ने ना अपनाया मुझे

धीरे धीरे ज्ञान हुआ

है मुझमें और दूसरों में भेद क्या

एक खाली खोखला वर्तन

बेनूर जीवन हुआ तुम्हारे बिना

अब कोई आकर्षण नहीं रहा इसमें

अब दुनिया पर से भी

 विश्वास उठ गया है

खुद का भी पता नहीं

आगे क्या होने व़ाला है 

पर आगे पीछे की क्या सोचे

शायद भाग्य में यही रहा |

आशा सक्सेना 

 




30 सितंबर, 2023

हमसफर

जिन्दगी जीने के लिए 

 हम सफर ऐसा हो

जब कोई समस्या आए

उसमें उसे  हल करने की क्षमता हो |

वह सक्षम हो इतना कि

सीधी राह खोज पाए

सलाह हो ऐसी जिसे सरलता से

स्वीकारा जाए

उसमें बिना बात ना उलझन आए

किसी की चाह ना  हो ऎसी

जिसमें उलझनों का डेरा हो

व्यक्ति जिन्दगी जीने के लिए

ऐसा मार्ग अपनाए

जिसमें कोई ना झमेला हो

तभी दौनों का जीवन खुश हाल होगा

कोई और की आवश्यकता  ना होगी

जीवन सरलता से चल पाएगा |

सहज जीवन ऐसा चलेगा

 दौनों को पसंद आएगा

                              सलाह कार भी खोजने पड़ेंगे

                          खाली खोखले बर्तन कभी ना होंगे |

                        आशा सक्सेना