एक वह दिन था जब
हमें जानता न था कोई
किसी कार्य को करने के लिए
बाहर वालों का मुंह देखना पड़ता था |
बहुत कठिनाई हुई इस समाज में
खुद को स्थापित करने में
पर जब सफलता पाई
खुशियों से मन भरा |
अब सोच लिया ना डरने से
हिम्मत से सभी कार्य करने में
कभी पीछे ना हटेंगे
यही हिम्मत अब उत्पन्न हुई
दिल को विश्वास आया
कदम पीछे ना हटेंगे कभी |
आशा सक्सेना