दीपोत्सव –
आज शाम आँगन में
की लिपाई और पुताई
लक्ष्मी स्वर की देवी
का आगमन होने को है |
द्वार पर दीपक लगाए
किया इंतज़ार देवी के आगमन का
बहुत राह देखी उसकी
घर चमकाया अपना आगत के आने का |
देवी हुई प्रसन्न अपने स्वागत से
दिया आशीष दिल खोल कर
पूजा अर्चना के संपन्न होते ही
प्रसाद वितरण किया मन से |
यह त्यौहार आता वर्ष में एक बार
इसी खुशी में घर स्वच्छ किया जाता
देवी के स्वागत में दिए जलाए जाते
फटाके ,फूल झड़ी जला बच्चे बहुत खुश होते |
मिलने जुलने वाले आते स्नेह बांटने
सभी व्यक्ति पैर पूजते बुजुर्गों के
बदले में आशीष पाते दिल से
जिसे भूल ना पाते फिर से आने वाले दीपोत्सव तक |
आशा सक्सेना