30 मार्च, 2012

विशिष्ट आमंत्रण

आप को यह सूचित करते हुए मुझे बहुत हर्ष हो रहा है कि  कल  शनीवार दिनांक ३१.३.२०१२ को अपरान्ह ४.३० बजे होटल विक्रमादित्य, रिंग रोड चौराहा, नानाखेड़ा उज्जैन में मेरे कविता संग्रह "अनकहा सच " का विमोचन है,
इस अवसर पर आप सब की उपस्थिति एवं शुभकामनाएं विशेष रूप से अपेक्षित हैं |
कृपया पधार कर समारोह की शोभा बढ़ायें|
आशा सक्सेना

27 मार्च, 2012

बड़ा दिल

तंग दिल हो क्यूँ रहना 
होना चाहिये हृदय बड़ा
कहना है सरल पर
है कठिन कितना
यह दंश सहना |
कहने से कोशिश भी की 
विस्तार किया 
और बड़ा किया 
बड़ा दिल बड़ी बातें 
रह गए सिमट
कर कोने में
 कुछ कष्ट हुआ
जो बढ़ने लगा
 गहराई तक पहुँच गया
तुरत फुरत 
डाक्टर तक पहुँचे 
शल्य चिकित्सा की सलाह ने 
आई .सी.यू.तक पहुँचा दिया 
ढेरों  कष्टों  में दबे 
सहम गये
जब घर को प्रस्थान किया 
सारी जेबें खाली थीं 
पुन:यही विचार आया 
बड़े  दिल का क्या फ़ायदा 
जिसने अस्पताल पहुँचा दिया |
 
 
आशा
 




25 मार्च, 2012

प्रारब्ध

जगत एक मैदान खेल का 
हार जीत होती रहती 
जीतते जीतते कभी 
पराजय का मुंह देखते 
विपरीत स्थिति में कभी होते 
विजय का जश्न मनाते |
राजा को रंक होते देखा 
रंक कभी राजा होता 
विधि का विधान सुनिश्चित होता 
छूता कोई व्योम   की ऊंचाई 
किसी  के हाथ असफलता आई |
प्रयत्न है सफलता की कुंजी 
पर मिलेगा कितना
  होता सब  पूर्व नियोजित 
उसी ओर खिंचता  जाता
प्रारब्ध उसे जहां ले जाता 
कठपुतली सा नाचता 
भाग्य नचाने वाला होता
हो जाती बुद्धि भी वैसी 
जैसा ऊपर वाला चाहता|
कभी जीत का साथ देता 
कभी हार  अनुभव करवाता 
मिटाए नहीं मिटतीं 
लकीरें हाथ की
श्वासों की गति तीव्र होती 
एकाएक धीमी हो जाती 
कभी  थम भी जाती
जन्म से मृत्यु तक \
सब  पूर्व नियोजित होता 
हर सांस का हिसाब होता
उसका लेखा जोखा होता
शायद यही प्रारब्ध होता |
आशा






22 मार्च, 2012

परोपकार करते करते

रात अंधेरी गहराता तम
 सांय सांय करती हवा 
सन्नाटे में सुनाई देती 
भूले भटके आवाज़ कोइ 
अंधकार  में उभरती 
निंद्रारत लोगों में कुछ को
 चोंकाती विचलित कर जाती 
तभी हुआ एक दीप प्रज्वलित 
तम सारा हरने को 
मन में दबी आग को
 हवा देने को 
लिए  आस हृदय में 
रहा व्यस्त परोपकार में
जानता है जीवन क्षणभंगुर 
पर सोचता रहता अनवरत
जब सुबह होगी 
आवश्यकता उसकी न होगी 
यदि कार्य अधूरा छूटा भी
एक नया दीप जन्म लेगा 
प्रज्वलित होगा 
शेष कार्य पूर्ण करेगा 
सुखद भविष्य की
 कल्पना में खोया 
आधी  रात बाद सोया 
एकाएक लौ तीव्र हुई 
कम्पित  हुई 
इह लीला समाप्त हो गयी 
परम ज्योति में विलीन हो गयी |

आशा






19 मार्च, 2012

जाना है चले जाना

वह राह दिखाई देती है 
जाने से किसने रोका है 
यह प्यार है कोइ सौदा नहीं
जाना है चले जाना 
पर लौट कर न आना 
अच्छा नहीं लगता 
हर बात दोहराना 
बेसिरपैर की बातों को 
दूर तक ले जाना 
कटुता  बढती जाएगी 
कभी कम न हो पाएगी 
साथ साथ  रहते रहते 
यदि  कम भी हुई तो क्या
जाने कब सर उठाएगी 
उठे हुए सवालों का 
सुलझाना इतना सरल नहीं 
जब कोइ समानता नहीं 
क्या लाभ लोक दिखावे का 
केवल नाम के लिए 
ऐसा रिश्ता ढोने का 
है  रीत जग की यही 
जो जैसा है बदल नहीं सकता
स्वीकार  करे  या न करे 
यह खुद पर निर्भर करता है
दो प्यार करने वालों का
हश्र यही  होता है |
आशा




17 मार्च, 2012

रिश्ते कठिन पहेली से

घर बनाया
जोड़े तिनके तिनके
हमराज खोजा
 सोचते सोचते
रिश्ते जुड़े
कुछ खून के
कुछ बनाए हुए
उन्ही में खोते गए
खुद को भूल के
पर आज लगते
सब खोखले रिश्ते
ठेस पहुंचाते
कई सतही रिश्ते
जब पास होते
जला करते
दूर होते ही
शोशा  उछालते
कटुता भर जाते मन में
कभी जज्बाती
दुखी कभी  कर जाते रिश्ते
होते कुछ कपूर से
तुरत जल जाते
तरल हुए बिना ही
बस अहसास छोड़ जाते
अपना होने का
रिश्ते तो रिश्ते ही हैं
क्या सतही क्या गहरे
अलग अलग रंग लिए
 कितनी दूर
कितने करीब
रिश्ते कठिन पहेली से |
आशा










14 मार्च, 2012

रंग अमन चैन का

इन्द्रधनुषी  छटा बिखरी
प्रकृति के हर कौने में
विविध रंगों में रंगी
प्रकृति नटी स्वप्नों में
सतरंगी चूनर पहन
विचरण करती मधुवन में
सारे रंग सिमटने लगे 
एक अनोखे रंग में
शुभ्र चन्द्र की धवल चांदनी
बिखरी जल थल और नभ में
धवल हुआ अम्बर
लिपटी अवनी श्वेत आवरण में
ढकी बर्फ से पर्वत माला
श्वेत दिखी जल की धारा
मुखरित शान्ति का भाव हुआ
एक अद्भुद अनुभव हुआ
देखे श्वेत कपोत गगन में
देते सन्देश शान्ति का
सदभाव के प्रतीक वे
सन्देश वाहक अमन चैन के
छोड़ कर संकीर्णता
दृष्टि विहंगम जब डाली
तभी दुनिया देखी रंगों की
है हरा रंग हरियाली का
दुनिया में खुशहाली का
लाल रंग प्रेम का ऐसा
 लग जाए तो  छूटे ना
केशरिया रंग शौर्य  का
समर क्षेत्र की आवश्यकता
काले रंग से भय लगता
अन्धकार में कुछ न दीखता
श्वेत रंग अमन चैन का
इसमें समाहित सभी रंग
सभी को आत्मसात करता
है नायाब तरीका भाईचारे का
आपस में हिलमिल रहने का |
आशा