था अरमान
किसी बड़े आदमीं
से मिलने का
जल्दी ही पूर्ण
हुई
यह चाह भी
देखी एक सूचना
अख्बार में
देखी आँखों में खुशी
हुई तैयार
इच्छा पूर्ति के
लिए
अब है पूर्ण
मन संतुष्ट हुआ
ख़ुशी छाई है
छोटी छोटी बातों से
हुआ आनंद
खुशी का जमाबडा
इतना बढ़ा
मन में न समाया
है अनुपम
इसका नहीं मोल
नहीं है ख्याल
ना ही कल्पना में है
सरल दिखा
मन में दुःख छिपा
है तरीका खुश
होने का
यह पल सहेजो
है अनुभूति
था अरमान यही
जो पूर्ण हुआ |
आशा