क्या देखते हो घूर कर मुझे
हूँ श्रमिक
कर्म करना है प्राथमिकता मेरी
कभी आलस नहीं आता
किसी काम में मुझे
पूरी निष्ठा से निभाता हूँ
कभी किसी पर हंसता नहीं
काम काम सब एक से
कोई छोटा बड़ा नहीं
मुझे शर्म नहीं आती
बोझा ढोने में
सोचता हूँ शायद प्रभू ने
मेरे लिए ही
नियत किया है इसे
पूरा कार्य सम्पन्न करके
जितनी प्रसन्नता होती है
बहुत सुख की नींद आती है
कार्य सम्पूर्ण करने पर |
आशा
आशा