रूप तेरा पूनम के चाँद सा
चेहरा सजा साज सिंगार से
माथे पर कुमकुम का टीका
खुशबू से अंग अंग महका |
केश विन्यास सुन्दर तेरा
बड़े सलीके से सजाया गया है
श्वेत पुष्पों की माला से|
मृगनयनी चंचल चपल
हैं नैन
बड़े विशाल तेरे
पैनी उनकी धार से जब करते कटाक्ष
हृदय विदीर्ण हो जाता |
चाहे जितने करू उपचार
दर्द कम न होता
जब चलते नैनों के बाण तीखे
घाव दिल के नहीं भरते |
नैनों में कजरे की गहरी रेखा
आकार बढ़ा देतीं इतना
लगता पूरा कैद कर लेंगी मुझे
क्यूँ न मैं समा जाऊं उनमें |
हाथों की उंगलियों से
मुंह छिपाने की कोशिश
मुंह छिपाने की कोशिश
मैं एकटक देखता रहूँ
पलकें भी न झपकाऊँ |
तेरी यह अद्भुद छवि और अधिक
आकर्षित करती मुझे
मन में भय रहता सदा ही
किसी की नजर न लगे तुझे |
आशा