जन्म मरण के बीच
मीलों का फासला
कैसे किसी ने तय किया
वही जानता होगा |
आज तक कोई
वहां जा कर
लौट न पाया
बड़े प्रयत्नों से
भूले भटके जो लौटा |
बड़ा विश्लेषण
वहां का करता
बड़े चाव से सत्य का
चित्रण करता |
किसी ने विवरण
दिया भी तो
नमक मिर्च लगा कर
किस्सा सुनाया |
है कितनी सच्चाई
उस विवरण में
आज तक
जान न पाई |
उत्सुकता और बढ़ी
बहुत अध्ययन किया
पर किसी निष्कर्ष पर
न पहुच पाई |
फिर हार कर
सोच लिया
बिना स्वयं गए
स्वर्ग के दर्शन नहीं होते |
आत्मा कहाँ विचरण करती
कहाँ अपना घर खोजती
फिर से दुबारा
कोई न जानता |
आशा