लहराती बल खाती
मंद वायु के झोंकों संग|
धूप से फूल कुम्हलाते
झरने लगते होते ही वय पूर्ण
जितने समय भी झूलते
आनन्द पूरा उठाते |
उस डाली पर फूलों के जीवन का
उनके योवन का
फलते फूलते प्रसन्न
रहते
अपनी संतति देख कर |
जीवन है भेट वही
जो मिली मनुज को सृष्टि से
हैं संतुष्ट दोनो अपने जीवन से
देखे सभी मौसम पूरी शिद्दत से
दौनों फूले फले जिन्दगी को न भूले
देखी समानता दौनों
में
डाली पर फूल और मानव जीवन में |
आशा