दिखते हो उदास किस लिए
राखी के शुभ अवसर पर
क्या राखी नहीं आई
बहिन की
या ड्यूटी पर हो तैनात
इस लिए |
घर परिवार सब कुछ
छोड़ा
यदि माया मोह में फंसे रहे
कैसे न्याय कर पाओगे
देश की सुरक्षा के प्रति |
हो धीर वीर कर्तव्य
निष्ठ
हो सच्चे रखवाले देश के
गर्व से सर उन्नत हुआ है
तुम्हारा शौर्य देख |
रणभूमि में पाई
सफलता
बहिन हुई निहाल
प्रशंसा करते न थकती
शौर्य का पदक देख |
है भाई बहादुर वीर
भयभीत नहीं किसी रण
से
सीमा पर तैनात
मुस्तैदी से
अगली पंक्ति में मोर्चे पर|
सूर्य की प्रथम किरण
के आते ही
सैनिक का हो जाता जीवन व्यस्त
रात्रि तक विश्राम नहीं
नियमित जीवन जी रहा ईश्वर
को नमन कर |
रक्षा बंधन का क्या है
राखी इस बार न बंधी तो क्या
बाँध रक्षा सूत्र त्यौहार
अगले वर्ष
मना लेंगे सोचा बहिन ने |
पहले कर्तव्य फिर कुछ और
यही विचार आता है मन में
फिर भी अंतस के किसी कौने में रहता
क्या आज भाई न आएगा |
आशा