हो सीमा के निगहवान
देश की रक्षा करते
शत्रुओं से पूरी क्षमता से
मुकाबला करते |
है धन्य वह जन्मदात्री जिसने
तुम से वीर को जन्म दिया
ऐसे कर्तव्य निष्ट को
पाला पोसा बड़ा किया |
संस्कार कूट कूट कर भरे
बचपन से ही निर्भय रहे
देश प्रेम में ऐसे डूबे स्वप्न में भी
दिन रात देश की रक्षा करते रहे |
प्रथम कर्तव्य देश रक्षा को जाना
देश से अधिक किसी को न माना
देश के प्रति निष्ठा की
तुमसी कोई मिसाल नहीं
सभी कार्य गोण हुए देश प्रेम के आगे |
नमन तुम्हें हे वीर सपूत देश के
ताउम्र याद रहेगा बलिदान तुम्हारा
देश भक्ति की मिसाल हो तुम