15 नवंबर, 2021

मेरा कहा मानो


 


एक ही बात की रट लगाना

उसके दाने बाएँ भी न झांकना

है कहाँ का न्याय यह तो बताना

क्या यह जबरजस्ती है नहीं |

मुझे कोई एतराज नहीं

तुम्हारी ऐसी जिद पर

पर लोग कितनी हँसी उडाएंगे

कुछ तो सोचा करो|

मुझ् में तुझ में दूरी

यदि बढ़ने लगी

कोई साथ न देगा हमारा

हम अकेले ही रह जाएगे

इस भाव सागर में |
मेरा कहा मानो

सबके साथ मिल कर चलो
फिर अकेलापन न लगेगा

कोई तो सच्चा मित्र होगा |

आशा
Neha Vedant Shrivastava
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चाँद और मानव


 

आज भारत का सितारा

 हुआ बुलंद

 अन्तरिक्ष विज्ञान में

 पीछे नहीं रहा  |

नासा फिर से 

अग्रणी हुआ विश्व में 

वाह क्या करिश्मा हुआ 

किया कमाल भारतीय  वैज्ञानिकों ने | 

चाँद पर उतारा चन्द्र यान 

वहां लेंडिग भी रहा सफल 

एलियन संदेशों  के  कोड समझ

उनसे आए निर्देशों को समझा |

कठिन कार्य आसान हुए 

वहां जीवन की आशा में

की जितनी खोजे उनमें हो सफल

कीर्तिमान स्थापित किया |

वहां जीवन के  रहस्यों की

 खोज पर अपनी मोहर लगाई

 चाँद पर रहने की

 अंतरइच्छा को जाग्रत किया |

भविष्य में मनव के 

वहां बसने  की

जीवन वहां होने की संभावना  

 नकारी नहीं जा सकती  |

खोजों ने स्पष्ट किया 

जल की उपस्थिति की संभावना रही 

कई खनीज पाए गए वहाँ 

 आक्सिजन  भी है वहां पर कम |

धूप छाँव दिन रात भी  होते हैं 

धरती जैसे  जीवन के लिए 

यही तो चाहिए धरा सा

जीवन जीने के लिए |

आशा    

14 नवंबर, 2021

क्षणिकाएं


                                   
१-जुनून हो यदि लेखन का

 हर हाल में पूरा होता है

कभी हार नहीं होती

सच्ची कोशिश यदि की होती |

२-पढ़ना लिखना है एक शौक

चाहे जिस उम्र में हो सकता है

इसको पूरा करने में

मन को सुकून मिलता है |

३- प्यार है एक जजबात मन का

कोई जोर नहीं इस पर किसी का

किसी सीमा में बंधकर नहीं रह सकता

किस से कब हो जाए मालूम नहीं होता |

४- रात्रि बिताई जागरण कर

सोने का मन न हुआ

जाने कितने ख्यालों ने घेरा

खड़ा किया असमंजस में |

५- प्यार तो प्यार ही है

 किसी  से भी हो जाए

  कोई गुनाह नहीं है यह 

जाने कब किस ओर मुड़ जाए |


आशा  

13 नवंबर, 2021

मेरी बेटी


 

है गर्ब मुझे यह कहते हुए  

मैंने जन्म दिया था उसे 

 दोनो कुल का नाम बढाया उसने 

कभी नाम न डुबोया मेरा

मेरी सारी  अपेक्षा  पूरी की  उसने  |

कौन कहता है कि बेटी पराई होती है

कन्यादान के बाद उस पर आपका

कोई अधिकार नहीं रहता 

सच कुछ और ही होता है |

शिक्षित हो वह सभी मोर्चों पर

 खरी उतरती है  

बेटी मिलती है बड़े सौभाग्य से 

कोई पुन्य किया हो पूर्व जन्म में

तभी बेटी का सुख मिल पाता है |

वे हैं  हतभागी

 जिन्होंने बेटी न पाई

बेटी के बिना 

घर में बहार न आई |

घर का आँगन सूना ही रह गया

उसकी किलकारी बिना  

उसकी पायल की  झंकार बिना |

मुझे बहुत प्यारी है 

मेरी संस्कारी बेटी  

सब त्यौहार अधूरे लगते 

 उसके बिना|

उसके आते ही घर में 

 बहार आ जाती है

उसके जाने से रौनक

 कहीं खो जाती है|

घर की बगिया 

वीरान सी हो जाती  है

महक पुष्पों की भी 

कहीं खो जाती है |

बाग़ से  हरिया भी 

 मुंह फेर लेती है 

उदासी घर घेर लेती है 

सूनापन डसने लगता है उसके बिना | 

उसकी कमी का किसी को 

पता नहीं चलता पर खलता 

अनजाने में उदासी

 घर घेर लेती है |

आशा 

12 नवंबर, 2021

बंधन अनमोल



बंधे रहना किसी के साथ

जीवन में इतना सरल नहीं

अपने आप को किसी के

 अनुसार ढालना  पड़ता है |

यदि अड़े रहे अपनी बातों पर

मझधार में हाथ छूट जाता

कोई नहीं सोचता कि किनारा

कहाँ होगा मिलेगा या नहीं |

पर तब तक देर हो चुकी होगी

समय लौट कर न आएगा

मन चाह बहुत दूर छूट जाएगा

मन को भारी कर जाएगा |

बंधन समाज के हों

या खुद के मन के

होते हैं बड़े अनमोल

यदि टूट गए फिर से

जुड़ नहीं पाते |

कोशिश जोड़ने की भी की यदि

मन में गठान रह ही जाती है

यह इतना त्रास देती है कि

धीरे  धीरे नासूर बन जाती है |

जिसे सहना सरल नहीं होता

जीना तो पड़ता है पर

मर मर कर जीना भी

क्या जीना है |

आशा 

11 नवंबर, 2021

मन के भाव पिरोए एकांत में


 

गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा 

  एकांत में 

मन के भाव पिरोए हैं 

बंद कमरे में |

झांका तक नहीं  बाहर

किसी अनजान को

मुझे किसी की दखलन्दाजी  

अच्छी  नहीं लगती 

किसी भी काम में |

जिस कार्य को पूर्ण करने का

 बीड़ा उठाया है

उसे पूरा करने की

क्षमता भी  है मुझ में |

अधूरा कार्य छोड़ना

 उससे पलायन करना

नहीं लगता

 न्यायसंगत मुझे |

उस के साथ अन्याय

मुझे पसंद नहीं

गीत कहाँ तक सफल हुआ

 कैसे जानूं

जब सुने कोई

 खुद को पहचानूं |

है अपेक्षा यही कि

 गीत  परिपूर्ण हो

यदि सफलता मिले उसमें  

और नया गीत बने |

अधिक उत्साह से

 कुछ और लिखूं

धुन बनाऊँ गुनगुनाऊँ 

जो मन को छुए ऐसा गीत रचूं|

आशा 


10 नवंबर, 2021

हाइकु


 

१- प्यारा संगीत  

बसा  मन में ऐसा  

  रहा ख्यालों में   


२-शोभा न देती 

प्यार न हो दिल से 

लाग लपेट 


३-कहना माना

क्या गलत न किया

क्षमा करना


४-तुम न आए

हर आहट पर

चौंक रही हूँ


५-छाया उजाला

 रात अमावस की

दीप्ति मान है


६- किया श्रृंगार

बाली उम्र में यह

किस के लिए


७-प्यार दुलार

भरा दिल में फूटा

गर्म लावे सा 


आशा