जीवन भार सा हुआ जाता
तुम्हें न पाकर यहाँ
किया क्या है मैंने
मुझे बताया तो होता |
कोई समाधान निकलता
मन ही मन जलने कुढ़ने से
क्या हल निकलेगा
कभी सोच कर देखो |
क्या तुमने सही निर्णय लिया
घर से बाहर कदम बढ़ा कर
एक गलत आदत को अपना कर
क्या मिसाल कायम की तुमने |
कायर हो कर घर छोड़ा
कर्तव्यों से मुंह मोड़ा
क्या यह उचित किया तुमने
अपने मन के अन्दर झांको |
फिर सोचो क्या यह
सही निर्णय था तुम्हारा
तुम निकले पलायन वादी
समस्याओं से भाग रहे |
हो तुम कायर न हुए जुझारू
समस्या वहीं की वहीं रही
उसे बिना हल किये
तुम भाग निकले रणछोड़ से |
आशा