19 अगस्त, 2023

लोग आज की दुनिया के

यह चमक दमक देखते 

आकृष्ट होते इस दुनिया के आकर्षण से 

जो भी वस्तु होती नवीन और आकर्षक 

उसे पाने की मनोकामना  रखते  |

ये दुनिया जैसी है वैसी दिखाई नहीं देती 

कई मुखोटे लगे यहाँ रहने व़ालों से चहरे पर 

उनकी असलियत पहचानी नहीं जा सकती 

कथनी और करनी में अंतर  बहुत है |

यदि होते एक सामान  बात ही कुछ और होती 

सफलता से दूर ना  होते 

खुश हाली जीवन में आतीजीवन को रंगीन बनाती |

जो लोग सारी चमक से दूर रहते 

वे ही सफल होते जीवन में 

यदि सफलता ना आती जीवन में 

वे  अपनी करनी को कैसे असफल  होने देते |

यदि जीवन बेरंग होता जीवन से मन उचट जाता 

बेनूर जिन्दगी का क्या फ़ायदा वह  ना तो  खुद जीवंत रह पाती 

नाही अपनी खुशियाँ बांट पाती अपनों 

|इन सतही जीवन के वादों से क्या लाभ 

समझते ही नहीं दिखावे की दुनिया  जीने वाले 

सभी सतही बातों  से जीता नहींजा सकता 

ऐसे दिखावे की दुनिया में कोई कैसे जीए  |


आशा सक्सेना 



18 अगस्त, 2023

जीवन किसी का व्यर्थ नहीं

 

जीवन किसी का व्यर्थ नहीं

 जो चाहे अपनाए पर मांगे नहीं  उधार

किसी के आगे हाथ ना  पसारे

आत्म सम्मान  को कभी ना  खोने दे |

किसी से मिली शिक्षा को

  मन में सजाए रखा है बड़ा संतोष मिलता

 जब सुनी अपनी प्रसंसा अन्यों से

उसे अपनाने में कोई घाटा तो नहीं हुआ

पर जो मार्ग पसंद किया वही सही मिला |

मैं खुश हूँ मुझसे कोई असंतुष्ट नहीं है

सब को यथोचित सम्मान मिला है

समाज में नाम मिला है मुझे

वही सब को अपनेपन का अहसास करता है|  

आशा सक्सेना |

17 अगस्त, 2023

कभी स्वप्न ना देखा

 कभी भी स्वप्न ना देखा 

,नई दुनिया बसाने का 

जो अपने पास है ,

उससे ही मन बहलाया 

ऊंची उड़ान ना भरी,

 आसमान को पाने के लिए 

नहीं देखा स्वप्न ,वह सब पाने का ,

जो कभी भी पास ना  था |

हर उम्र के कुछ स्वप्न,

जो  कभी पूरे भी नहीं हुए 

 उम्र बीती जब पीछे रह गई,

 तब सोचने का समय मिला 

पर मन को  ना समझा पाई 

ना ही मन को  दुखी होने दिया

, दी   सांत्वना बड़े प्यार से 

कभी दोष नहीं दिया अपने  भाग्य को 

सब छोड़ दिया प्रभु के हाथों  में 

निम्न पंक्ति याद आई 

''बिना मांगे  मोती मिले मांगे मिले ना  भीख"

आशा सक्सेना 


मार्ग भक्ति का

 हमने की  खोज तुम्हारे दर की 

तुमने भी नहीं सोचा राह है किधर 

 भक्त को तो पता था तुम्हारे दर का

उसने दिखाया राह का पता मुझे |

मैंने किया धन्यवाद उसका 

उसने भक्ति मार्ग की राह दिखाई मुझे 

मुझे अच्छा लगा राह जान कर 

अब मुझे भक्तिमार्ग बड़ा भला लगता|

जब से  अपनाई मैंने भक्ति करने की 

मन मेरा विभोर हुआ रमता गया भक्ति में  

प्रभु मझे देर तो हुई पर

 मन से क्षमा मांगी सच्चे दिल से |

अब मेरा सारा समय बीत जाता

 तुम्हें याद करने में 

सिया राम सिया  राम जपने में 

आत्मविश्वास लिए साथ में |


आशा सक्सेना 



 


16 अगस्त, 2023

कब इनकार किया मैंने

 

कब इनकार किया मैंने

तुमसे मन की बातें करने का

यही तो चाह है मेरी

तुमने मुझे समझा नहीं पहचाना नहीं

मन को बहुत दुःख हुआ

यह भी तुमने महसूस ना  किया

हर ज़रा सी बात पर अकडे रहते  हो

कोई तुम्हारी क्यूँ खुशामद करे

मुझसा सरल स्वभाव कहाँ खोजोगे

जब कोई ना मिलेगा मेरे ही पास लौटोगे

यही है अनुमान मेरा

 जो कभी नहीं गलत होता

तुमने भी इसे अनुभव किया होगा |

मुझे बताने की आबश्यकता  नहीं समझी

क्या मैंने गलत किया

तुमने समझाया नहीं  मुझे

मुझे बड़ा दुःख हुआ

आशा सक्सेना

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

15 अगस्त, 2023

स्वतंत्रता दिवस पर

 आज ७७वा  स्वतंत्रता   दिवस है

प्रधान मंत्रीमोदीजी   फहराएं तिरंगा झंडा   

दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से 

मन की ख़ुशी मनाए  जनमानस पूरे दिल से |

स्वतंत्रता  मिली थी बड़े कष्ट  सहने के बाद 

आजादी आई थी हिंद में गुलामी के बाद 

इसमें न जाने कितने लोग  शहीदों हुए 

हर बार याद आते हैं उनके बहादुरी के किस्से |

याद किया जाता है उनको बारम्बार पल  पल में 

मन श्रद्धा से भर जाता है आँखें नाम हो जाती हैं 

मन सोचता है काश हम भी होते शामिल उन लोगों में 

जिनने अपना बलिदान दिया भारत के लिए 

नमन उन शहीदों की जननी को

 जिनने जन्म दिया उन वीर सपूतों को |

जय हिन्द के नारे लगाए पूर्ण समर्पण भाव से 

सच्चे मन से जय हिन्द का उद्घोष किया 

जब मन मोहक  सा रंग भरा आस पास के माहोल में  |

चारों और रौनक ही रौनक बरस रही प्रांगन में |

आशा सक्सेना 


12 अगस्त, 2023

आज है यह हाल तब आगे क्या होगा

 नन्हें मुन्ने ज़रा सोच कर देखो 

यह है दुकान मन चाहता 

हर वस्तु हो मेरे पास

किसी से सांझा नहीं करू|

हो आवश्यक या हो ना हो 

चाहिए या नहीं ,पर लेना है 

जिससे मन को शांति हो 

जिद्द तो   पूरी हो 

,मन में ना रहे यह वस्तु हमारे पास नहीं 

हमें तो यही चाहिए |

जब तक ना  मिले 

रोना गाना चलता रहे 

पर हर चीज तो मिलने से रही |

अपनी आदतों में सुधार करो 

अभी से है यह हाल

 तो आगे ना  जाने क्या होगा 

यही हाल तुम्हें समाज से  दूर करेगा|

 | जिसने तुम्हें नहीं समझा 

वह  तुमसे ना मित्रता रखेगा 

तुम अपनी जिद्द के आगे

किसी को नहीं समझोगे 

जीवन में सफल नहीं  रहोगे

 कभी खुशी ना पाओगे |

आशा सक्सेना 































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