मुझे उम्मीद न थी
हर बात पर पक्ष मेरा लोगे
मुझ पर विश्वास करोगे
तुम मेरे मनमीत बनोगे |
मेरी कल्पना में थी
एक तस्वीर तुम्हारी
जब जीवन के पन्नों पर उतरी
बढाया आत्मबल मेरा |
मनमीत होने का मेरे
पूरा प्रतिफल दिया तुमने
मुझे कोई दिक्कत न हुई
तुम को समझने में |
यही क्या कम है
तुम में और मुझमें
तालमेल है गहरा इतना
तुमको मैं समझती हूँ
समझे तुम मुझे पूरी तरह |
उम्मीद यही थी तुमसे
अपेक्षा मेरी पूर्ण करोगे
आशा को निराशा में न बदलोगे
उम्मीद पर खरे उतरोगे |
आशा