मुझ को कुछ न चाहिए
सब मिला है भाग्य से |
किसने कहा कि मैं हूँ अक्षम
मैं भी हूँ सक्षम हर कार्य में
पहाड़ हिला सकती हूँ
आज की नारी हूँ
किसी से कम नहीं हूँ |
ऊंची उड़ान हँ ध्येय मेरा
उसमें सफल रहूँ
हार का मुह न देखूं
बस रहा यही अरमान मेरा |
यदि सफलता पाई
जीवन में आगे बढूंगी
जीत लूंगी सारा जग
पलट कर पीछे न देखूंगी |
आशा