07 जून, 2023

शेष जीवन

वय बचपन की बीती 
एक पड़ाव मैंने जीता 
कदम रखा  किशोर वय मैं 
खिल उठी सम उम्र लोगों में 
मुझे प्यारे लगाने लगे संगी साथी 
अपनों के सिवाय यही भूल हुई मुझसे 
अपने तो अपने होते हैं 
मैंने अपनों में गैरों में भेद ण समझा 
यहीं मात खाई मैंने |
धीरे धीरे प्रतिबन्ध बढ़ने लगे 
समाज का दखल भी बढ़ा 
रिश्ते भी आने लगे 
कभी प्यार से समझाया 
कभी वरजा गया मुझे |
अब लगा तीसरी वयआने को है 
योवन आने का इशारा मिला
मुँह में चपलता देख मैं शरमाई |
अब आया वांन  प्रस्त 
बहुत व्यस्त रही तब तक 
अब मेरी विचार धारा बदली 
धर्म कर्म की और हुई आकृष्ट 
अपनी जिम्मेंदारी पूरी करली मैंने 
|अब अंत समय में भ्क़गवत भजन कर रही हूँ 
यही चाह रही मेरी |मेरी देह छोड़ने के बाद 
मेरे कर्मों को याद किया जाए |
मेरा जीवन सफल हो जाए |
आशा सक्सेना 



06 जून, 2023

भोला बचपन

                                                           जब जन्म लिया कान्हां ने 

माता की गोद भरी थी 

मन में उत्साह जगा था 

सब ने बधाई दी मान को 

खुशियों से भरी थी

 कहीं कमी न थी मेरी रौनक मैं 

जी जान से जो मझे मिली थी 

सरल सतर्कजीवन जी लिया 

कभी रोया कभी खुद

 कोड काण्ड किया 

यही मेरा बचपन था 

जिसका इंतज़ार रहा

 यही उसका  बचपन मेरा था

आशा सक्सेना 

01 जून, 2023

ऊंची उड़ान कविता की भरी

 भरी उड़ान पूरी क्षमता से 

किसी की कोई मदद ना चाही 

जब उच्चतम स्तरपहुंची 

ख़ुशी मिली हम को |   

छाछ पी ली फूँक फूँक कर 

चाहे दूध ठंडा  ही रहा 

कल्पना में इसे उबाला है 

जब कि यूँ तो ना  आ रहा ख्याल मेरा |

यहीहै  जिन्दगी का दोहरा रंग 

जिससे बच  कर चली हूँ 

पतंग उड़ाना भी एक कला है 

यह तह भूली नहीं हूँ |

किसी नव गीत का सम्मान किया 

अपने बुद्धि के कौशल से 

या कोई नई विधा से कुछ सीखा है |

नई  विधा पर कुछ लिखना 

उस पर अपनी कलम चलाना 

अपनी ही कोशिश से |

सफलता ने दुलारा हैमुझको  

बहुत आशीष दिया है 

हूँ आज जिस स्थान पर खड़ी

वह नवाजा गया है मुझे 

सम्मान किया गया है |

आशा सक्सेना 

28 मई, 2023

कल्पना के इस दौर में

कल्पना के इस दौर  में

कैसे दूर रहूँ उससे सब ने समझाया भी इतना

कभी कहने में आई यही बात

मन को ना  भाई कैसे |

कविता का कोई रूप नहीं होता

केवल भावनाएं ही होतीं प्रवल 

सुन्दर शब्दों से सजी कविता 

 मन में हिलोरे खा रही है |

प्यार से सजी हुई है

दिलों दीवार में घुमड़ा  रही हैं

कभी नदिया सी बेखौफ  बह रही हैं

अपनी राह से है लगाव इतना

आगे आने वाले राह नहीं भटकते |

यही मन को रहा एहसास

पर मुझे भय नहीं है

अपने ऊपर आत्मविश्वास है इतना

कभी पैर ना फिसले ताकत से रहे भर पूर

यही है अभिलाषा मेरी|

चंचल चपला सी  नदिया 

 प्रकृती में पथ खोज रही है

देती है महत्व उसकी लहराती चाल को 

दीखती है उन्मुक्त बहती नदिया जैसी 

चार चाँद से जोड़े हैं नदियों के उन्मुक्त प्रवाह में| 

आनंद से भर गई मैं प्रकृति के प्रागंन  में 

यही आशा थी मुझको अपनी सोच से

 मुझे एक संबल मिला है आज के इस दौर मैं

जिसे पा कर मैं खुशियों से भर उठी हूँ 

अपने विश्वास पर अडिग खडी  हूँ  मैं |

 मुझे यह गुमान हुआ है कभी किसी ने प्यार ही 

नहीं किया मुझको जब कि मैंने सब कुछ छोड़ा उनपर |

अब लगने लगा है मानों मेरा वजूद ही नहीं 

जी रही हूँ एक बेजान गुडिया सी इस भव सागर में 

कभी खुद का एहसास भीं ना  होगा कल्पना के इस दौर में


आशा सक्सेना

27 मई, 2023

हाईकू


 

१-कितने स्वप्न

देखे हैं दिन ही मैं

समझ आई

२-ये सपने भी

कभी खोते  जाते हैं

 नहीं मिलते

३-जानते नहीं

उलझाते रहे  है 

 बचाओ मुझे

४-प्यार से  बंधे  

 इतने मजबूत

 उसे  जकडे  

५-तेरा  प्यारहै  

इतना नाजुक  कि 

मोम जैसा है

आशा सक्सेना 

25 मई, 2023

जीवन की कहानियां


जीवन की कहानियां

कभी ख़ुशी कभी गम

आए दिन की बात है

 मैं सोच नहीं पाती |

की फरमाइशें बच्चों ने

जिनको पूरा कर न सके

 पत्नी की उदासी में

सारा दिन हुआ बर्बाद |

मन को इतना कष्ट हुआ  

तुम् सह  नहीं पाओगे

सोचोगे कैसे जीवन जिया जाए

वह  तो मुझे ही जीना है|

मै किस तरह जीता हूँ

किसी से कह भी नहीं सकता

सोच रहा हूँ कहीं दूर चला जाऊं

वहीं से नौकरी करूकुछ मदद करू

और कोई विकल्प नहीं मेरे पास |

आशा सक्सेना


22 मई, 2023

जीवन एक वृक्ष जैसा

 

जीवन एक पेड़ जैसा

पहले पत्ते निकलते

फिर डालियाँ हरी  भरी होतीं

वायु के संग खेलतीं

धीरे धीरे कक्ष से

 कलियाँ निकलतीं

पहले तो वे हरी होतीं

फिर समय पा कर

खिलने लगतीं तितली आती

इन से छेड़छाड़ करतीं

भ्रमर भी पीछे ना

वे प्यार में ऐसे खो जाते

पुष्प की गोद में सिमट  रहते

जब तक संतुष्टि ना हो

वहीं  सो  रहते

मन भर जाते ही अपनी राह लेते

इन तीनों का खेल देखने में 

बड़ा मनोरम लगता

हरी डाल पर रंगीन पुष्प अद्भुद द्रश्य होता |

आशा अक्सेना