है जिंदगी मेरी
एक टिमटिमाता दिया
रोशनी कभी धीमी
तो कभी तीव्र हो जाती है
वायु का एक झोंका भी
मन अस्थिर कर जाता है ,
एक टिमटिमाता दिया
रोशनी कभी धीमी
तो कभी तीव्र हो जाती है
वायु का एक झोंका भी
मन अस्थिर कर जाता है ,
अंतर्द्वन्द मचा हुआ है
कोई हल नहीं मिलता
चाहती थी एक
मगर एक साथ दो आई हैं
कैसे इन नन्हीं कलियों का
जीवन यापन कर पाऊँगी
मन चाही हर खुशी से
इनकी दुनिया रँग पाऊँगी |
पहले ही कठिनाई कम न थी
दो जून रोटी भी
सहज उपलब्ध न थी
अब दो मुँह और बढ़ गए हैं
हैं हाथ केवल दो काम के लिये
आर्थिक बोझ उठाने के लिये |
बढ़ गई संख्या हमारी
उस पर मँहगाई की मार ,
सारी खुशियाँ छिनने लगी हैं |
यह नहीं कि मैं माँ नहीं हूँ
संवेदना नहीं है मुझ में
दोनों ही प्यारी हैं मुझे
लगती हैं अनियारी मुझे |
मगर एक साथ दो आई हैं
कैसे इन नन्हीं कलियों का
जीवन यापन कर पाऊँगी
मन चाही हर खुशी से
इनकी दुनिया रँग पाऊँगी |
पहले ही कठिनाई कम न थी
दो जून रोटी भी
सहज उपलब्ध न थी
अब दो मुँह और बढ़ गए हैं
हैं हाथ केवल दो काम के लिये
आर्थिक बोझ उठाने के लिये |
बढ़ गई संख्या हमारी
उस पर मँहगाई की मार ,
सारी खुशियाँ छिनने लगी हैं |
यह नहीं कि मैं माँ नहीं हूँ
संवेदना नहीं है मुझ में
दोनों ही प्यारी हैं मुझे
लगती हैं अनियारी मुझे |
छोटी-छोटी आवश्यकतायें
जब पूरी नहीं कर पाती
बहने लगती अश्रु धारा
बहुत अधीर हो जाती हूँ |
जब पूरी नहीं कर पाती
बहने लगती अश्रु धारा
बहुत अधीर हो जाती हूँ |
जो चाहती थीं गोद हरी हो
नन्हीं सी गुड़िया घर आए
जाने क्या-क्या कर रही हैं
जादू टोना , तंत्र मन्त्र |
पर घर गूँज उठा मेरा
दोनों कि किलकारी से
पर अनचाही चिंता भी साथ आई है
नन्हीं सी गुड़िया घर आए
जाने क्या-क्या कर रही हैं
जादू टोना , तंत्र मन्त्र |
पर घर गूँज उठा मेरा
दोनों कि किलकारी से
पर अनचाही चिंता भी साथ आई है
दोनों के आगमन से |
फिर भी है विश्वास
जब गोद भर गई है
नैया भी पार
लग ही जायेगी |
मँहगाई का रोना क्या
कभी नियंत्रण
उस पर भी होगा
प्रभु कि कृपा कभी तो होगी |
पर एक विचार मन में आता है
है न्याय कैसा ईश्वर का
जहाँ चाह है राह नहीं है
पर हमने तो बिना माँगे ही
झोली भर-भर पा लिया है |
फिर भी है विश्वास
जब गोद भर गई है
नैया भी पार
लग ही जायेगी |
मँहगाई का रोना क्या
कभी नियंत्रण
उस पर भी होगा
प्रभु कि कृपा कभी तो होगी |
पर एक विचार मन में आता है
है न्याय कैसा ईश्वर का
जहाँ चाह है राह नहीं है
पर हमने तो बिना माँगे ही
झोली भर-भर पा लिया है |
आशा