बदलता मौसम
बेमौसम बरसात
अस्त व्यस्त होता जीवन
फसलों पर भी होता कुठाराघात |
इस बूंदा बांदी से
कई मार्ग अवरुद्ध हो गए
मानो जाम लगा सड़कों पर
बंद के आवाहन से |
अल्प वर्षा या अति वर्षा
या कीटों के संक्रमण से
सारी फसल चौपट हो गयी
गहरा दर्द उसे दे गयी |
जब ऋण नहीं चुका पाया
मृत्यु के कगार तक आया
बड़ी योजनाओं के लाभ
चंद लोग ही उठा पाए |
बचत या अल्प बचत
या आधे पेट खा बचाया धन
जब मंहगाई की मार पड़ी
सारी योजना ध्वस्त हो गयी |
जाने कितने बजट आए
और आ कर चले गए
ना तो कोई उम्मीद जगी
ना ही राहत मिल पाई |
मुद्रा स्फीति की दर ने भी
अधिक ही मुंह फाड़ा
सब ने हाथ टेक दिए
विकल्प ना कोई खोज पाए |
मंहगाई और बढ़ गयी
बेरोजगार पहले से ही था
असह्य सब लगने लगा
और वह जड़ सा हो गया |
बेमौसम बरसात
अस्त व्यस्त होता जीवन
फसलों पर भी होता कुठाराघात |
इस बूंदा बांदी से
कई मार्ग अवरुद्ध हो गए
मानो जाम लगा सड़कों पर
बंद के आवाहन से |
अल्प वर्षा या अति वर्षा
या कीटों के संक्रमण से
सारी फसल चौपट हो गयी
गहरा दर्द उसे दे गयी |
जब ऋण नहीं चुका पाया
मृत्यु के कगार तक आया
बड़ी योजनाओं के लाभ
चंद लोग ही उठा पाए |
बचत या अल्प बचत
या आधे पेट खा बचाया धन
जब मंहगाई की मार पड़ी
सारी योजना ध्वस्त हो गयी |
जाने कितने बजट आए
और आ कर चले गए
ना तो कोई उम्मीद जगी
ना ही राहत मिल पाई |
मुद्रा स्फीति की दर ने भी
अधिक ही मुंह फाड़ा
सब ने हाथ टेक दिए
विकल्प ना कोई खोज पाए |
मंहगाई और बढ़ गयी
बेरोजगार पहले से ही था
असह्य सब लगने लगा
और वह जड़ सा हो गया |