सर्दी का मौसम ,जलता अलाव
बैठे लोग घेरा बना कर
कोइ आता कोइ जाता
बैठा कोइ अलाव तापता |
आना जाना लगा रहता
फिर भी मोह छूट न पाता
क्यूँ कि कड़ी सर्दी से
है गहरा उसका नाता |
एक किशोर करता तैयारी
मार काम की उस पर भारी
निगाहें डालता ललचाई
पर लोभ संवरण कर तुरंत
चल देता अपने मार्ग पर |
कैसा अलाव कैसा जाड़ा
उसे अभी है दूर जाना
अब जाड़ा उसे नहीं सताता
है केवल काम से नाता |
आशा