मौसम आज
है बहुत रंगीन
गाई कजरी
दादरे सावन के
बूंदे बरसें
मन में मिश्री घोलें
बूँदें टपकें
झर झर कर के
मन मोह लें
स्वर लहरी मधुर
गीत संगीत
मन को लुभाता है
लय प्रधान
मीठी मन मोहक
सब को लगे
सृष्टि की बारिश है
इतनी प्यारी
सावन की कजरी
ऐसी आवाज
पर ढोलक बजी
पैर न थके
घूमर कर कर
घुंगरू सजे
पैर उठने लगे
थिरक रहे
उस संगीत पर
रौनक हुई
हुआ नृत्य मयूर
बादल आए
उमढ घुमड़ के
रौनक बढ़ी
समा हुआ रंगीन
गीत गाने में
सब हुए मगन
ठुमक रहे
नृत्य संगीत पर
लहरा रही
सतरंगी चूनर
ओढी गोरी ने
मौसम सुहावना
कोई न रहा
उससे अनछुआ
सभी घूमते
सुरम्य वादियों में
भीगते जाते
तरबतर होते
ऋतु है बरसाती
मन मीत आने की |
आशा