हम हैं हिन्दीभाषी
हिन्दुस्तान के रहने वाले
अनेकता में एकता
है यहाँ की विशेषता |
भिन्न भिन्न भाषाएँ यहाँ
सब की अपनी अपनी
पर सभी देशवासी
आदर करते सब भाषाओं का
सामान रूप से |
इसकी लिपि है सरल
व्याकरण बहुत आसान
अन्य भाषाओं के शब्द भी
घुलमिल जाते इस में
हो दूध में पानी जैसे |
सहज ही समझ में आते
उच्चारण कठिन न लगते
आपस में बात करने में
कठिनाई नहीं होती |
अंतर राज्यीय हो तब भी
कठिनाई नहीं होती
हमें गर्व है अपनी भाषा पर
पर अन्यों से भी बैर नहीं |
भाषा का सम्मान होता
उसके साहित्य से
भरा हुआ है ज्ञान का भण्डार यहाँ
उच्च कोटि के साहित्य से |
आशा