01 नवंबर, 2021
रिश्ते कैसे कैसे
किसी ने बेटी माना दिल से
स्नेह का दान दिया
मैंने कुछ न चाहा
ना ही जानना चाहा क्या उपहार मिला |
मैंने प्यार किया दिल से
बिना किसी आडम्बर के
यही क्या कम है
उसे कोई न नाम दिया |
जिन्दगी में कुछ रिश्ते होते ऐसे
जो जन्म से नहीं होते
पर जब बन जाते हैं
कभी नष्ट नहीं होते |
अहमियत होती बहुत
इन रिश्तों की
जो निभाता उन्हें
वही इनकी कद्र जानता |
ये सतही नहीं होते
पनपते ही जीवन के
साथ जुड़ जाते
और अंत तक बने रहते |
इनकी मिठास को
मापा नहीं जा सकता
किसी प्रलोभन से इन्हें
बांटा नहीं जा सकता |
प्यार दुलार ममता
इसे क्यों नाम दें
हमारे मन को
जब चाहे उपहार दें |
आशा