काले कजरारे आकर्षक नैनों वाली
बोलती निगाहें तेरी चिलमन से झाँक कर
इसी एक अदा पर रीझे हम
किसी से बचा कर नयनों से बातें करते हम |
कोई भांप ना सका इन बातों को
हम दौनों के सिवाय
तुमने बड़ी अकाल लगाई इस वार्तालाप में
हलके से झाँक कर देखा इशारों से समझाया
मिलने का ठिकाना बताया
हुई सफल अपनी योजना में
किसी का ध्यान ना गया
काले कुंतल अपने को रोक ना सके झांके बिना
हुई सफल हम दौनों की योजना
|तुम्हारा रूप मेरा आकर्षण जग जाहिर ना हो पाया |
आशा सक्सेना