यदि चाहत हो कुछ करने की
हर बार सफल रहने की
फिर भी करना मनमानी
उचित नहीं लगता
कुछ भी हाथ नहीं आएगा
समय पंख लगा उड़ जाएगा |
जिसने भी की मनमानी
अपनी जिद को सर्वोपरी समझा
असफलता की सीड़ी पर
चढता गया फिर मुड़ न सका
उम्र भी निकल गई
सिवाय पछतावे के
कुछ भी हाथ नहीं आया |
आशा