चाहे जहां जाते हो
इधर उधर भटकते हो
जब स्थाईत्व नहीं होगा
सुकून कहाँ से पाओगे |
जिंदगी क्षण भंगुर है
उसका कोई ठिकाना नहीं
बिना प्रेम अधूरी है
यह कैसे समझ पाओगे |
मेरे पास आओ कुछ पल ठहरो
दो बोल प्यार के बोलो
मन में छिपी भावना को
पूर्ण रूप से स्वीकार करो |
मन का बोझ हल्का होगा
फिर भी मन यदि ना माने
और बेचैनी बढ़ जाए
चाहे जहां चले जाना |
पुरानी कटु बातों को
दोहराने से क्या लाभ
जब उन पर ध्यान नहीं दोगे
वे विस्मृत होती जाएँगी |
मीठी यादों में जब खो जाओगे
शान्ति का अनुभव करोगे
संसार बहुत सुंदर लगेगा
पराया भी अपना लगेगा |
प्रेम ही तो जीवन है
जब शांत चित्त से सोचोगे
स्थिर मन हो जाओगे
फिर इसे ना भूल पाओगे |
जिंदगी आनंद से भरपूर होगी
पूर्ण प्रेम की अनुभूति होगी
एक नई कहानी बनेगी |
आशा