मुझे न तोलना कभी
मानक रहित तराजू से
जो सत्य का साथ न दे
झूट पर ही अटल रहे
ऐसे बेमानी रिश्तों की टीस
होती है क्या तुम नहीं जानते|
जो दर्द उठता है
उसे समझ नहीं पाते
मन बोझिल होने लगता है
सारी अनर्गल बातों से
चोटिल मन को साथ लिए
घूमना कितना मुश्किल है
उसे जानना सरल ही नहीं नामुमकिन है|
ऐसा ही अहसास सब को होता है
जब संवेदनाएं हावी होती हैं
मन विगलित होने लगता है
इसका प्रभाव क्या होगा
तुम समझ नहीं पाते |
क्यूँ कि तुम खुद को
उस स्थान पर रख कर
सोचने की कोशिश ही नहीं करते
मन में उठती टीस का
अनुभव नहीं करते
दूसरे के मनोंभाव को
तोल नहीं सकते
जो खुद सोचते हो
उसे ही सत्य समझते हो |
आशा
मानक रहित तराजू से
जो सत्य का साथ न दे
झूट पर ही अटल रहे
ऐसे बेमानी रिश्तों की टीस
होती है क्या तुम नहीं जानते|
जो दर्द उठता है
उसे समझ नहीं पाते
मन बोझिल होने लगता है
सारी अनर्गल बातों से
चोटिल मन को साथ लिए
घूमना कितना मुश्किल है
उसे जानना सरल ही नहीं नामुमकिन है|
ऐसा ही अहसास सब को होता है
जब संवेदनाएं हावी होती हैं
मन विगलित होने लगता है
इसका प्रभाव क्या होगा
तुम समझ नहीं पाते |
क्यूँ कि तुम खुद को
उस स्थान पर रख कर
सोचने की कोशिश ही नहीं करते
मन में उठती टीस का
अनुभव नहीं करते
दूसरे के मनोंभाव को
तोल नहीं सकते
जो खुद सोचते हो
उसे ही सत्य समझते हो |
आशा